कोरोना महामारी के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन ने लगभग सभी व्यवसायों की कमर तोड़ दी है। बात करें ऑटो सेक्टर की तो इसके हालत सबसे ज्यादा खराब है। इंडियन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल में किसी भी कंपनी की एक कार भी नहीं बिकी। इतिहास में ये पहला ऐसा मौका है जब कार की बिक्री का आंकड़ा शून्य रहा।। देश में सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड से लेकर लग्जरी कार बेचने वाली मर्सिडीज, स्कोडा तक सभी का ऐसा ही हाल रहा।

मई में भी यह हालात बने रहने के आसार
इस बारे में मारुति सुजुकी के आरसी भार्गव, टीवीएस मोटर के वेणु श्रीनिवासन, महिंद्रा एंड महिंद्रा के पवन गोयनका और दूसरी लीडिंग ऑटो इंडस्ट्री से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि अगले महीने भी बिक्री में सुधार की उम्मीद नहीं है। इस वजह से ऑटो सेक्टर को लंबे समय तक संकट का सामना करना पड़ सकता है। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि मई में भी इसी तरह के हालात रहने की उम्मीद है। और यह पूरी तरह से कोरोनावायरस पर ही निर्भर करता है। बता दें कि देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लगा था और इसे 21 दिन बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है। इस दौराना देश में मारूति सुजुकी, हुंडई, टाटा समेत सभी कंपनियों के शोरूम बंद रहे।

30 साल में यह पहला मौका जब एक भी कार नहीं बिकी- जैक हॉलिस (स्कोडा हेड )
स्कोडा कार कंपनी के हेड जैक हॉलिस ने एक ट्वीट के जरिए बताया कि अप्रैल महीने में उनकी एक भी कार नहीं बिकी है। उन्होंने लिखा कि पिछले 30 सालों में पहला मौका है जब हमने एक भी कार की बिक्री नहीं की। मैं अपने करियर के दौरान पहली बार ऐसा देख रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि ऑटो इंडस्ट्री जल्द वापसी करेगी।

घरेलू सेल्स का आंकड़ा शून्य रहा- मारुति सुजुकी
देश की सबसे बड़ी ऑटोमोटिव इंडस्ट्री मारुति सुजुकी में शुक्रवार को सेल्स रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब अप्रैल में कंपनी की एक भी कार नहीं बिकी। उन्होंने आगे बताया कि सरकार के आदेश के बाद उन्होंने 22 मार्च को अपने ऑपरेशन बंद कर दिए थे। हालांकि, मुंद्रा पोर्ट से दोबारा ऑपरेशन शुरू होने से पहले ही कंपनी 632 यूनिट्स का निर्यात कर चुकी है।

लॉकडाउन की वजह से नहीं बिकी एक भी कार- एमजी मोटर्स
एमजी मोटर्स ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि लॉकडाउन की वजह से सभी डीलरशिप बंद रहे। इस कारण अप्रैल माह में एमजी कारों की एक भी यूनिट नहीं बिकी। कंपनी ने बताया कि अप्रैल के आखिरी हफ्ते में हमने हालोल (गुजरात) स्थित प्लांट में ऑपरेशन और मैन्युफैक्चरिंग को शुरू कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि मई में प्रोडक्शन फिर से पटरी पर आ जाएगा। कंपनी ने सैनेटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है।


4 करोड़ लोगों को रोजगार देती है ऑटो इंडस्ट्री
देश की ऑटो इंडस्ट्री प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 40 मिलियन ( यानी 4 करोड़) से अधिक लोगों को रोजगार देती है। वहीं, ये देश की जीडीपी में 8% और सरकार के टैक्स कलेक्शन में 15% का योगदान देती है। सरकार ने कोविद -19 हॉटस्पॉट के बाहर रहने वाली फैक्ट्रियों को शुरू करने की परिमिशन दे दी थी, लेकिन ऑटोमेकर्स कंपनियों ने अभी अपने प्लांट को शुरू नहीं किया है। वे स्थिति के सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं।

मार्च में 46% की गिरावट आई
कोरोनावायरस ने अपना असर मार्च में दिखाने शुरू कर दिया था। ऐसे में मार्च से ही कारों की बिक्री प्रभावित होने लगी थी। देश में सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनियां मारूति सुजुकी और हुंडई जैसी कार कंपनियों की बिक्री में 46 फीसदी तक की गिरावट आई। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा अप्रैल महीने में सेल्स आंकड़ों में बड़ी गिरावट होगी। ये पहला ऐसा महीना है जब एक भी कार की बिक्री नहीं हुई है। जबकि फरवरी के ऑटो एक्सपो 2020 इवेंट के दौरान मारुति के साथ कई कंपनियों ने अपने नए मॉडल को शोकेस किया था।



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मार्च में मारूति सुजुकी और हुंडई जैसी कार कंपनियों की बिक्री में 46 फीसदी तक की गिरावट आई थी


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